पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/१७

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सागरा नियामत यानी है। उमा गभान मीनार अत्यन्त शान्त भोर छोटा-मा गार पांगमन-या करना है। माम पर ग-या कामांनी ही सरहद पर पड़ेग नाम प न यही मौका गयको गजभानी चार या नाम दामन है। वहीं कैद पार गुट होम नाम सबलगा। गुदा के मानो में शुभ अामा पाटिमा तय पुनंगासन भाग की मोज में निकला, तर म यहाँ आ गया और ग्रहाँस मे श्रागा बंधी कि प्रा अवश्य पानी मगर पूरी होगी। इसी से उमन इस स्थान का नाम परवा-शुम भागा का अन्तरीप। इन चार अनी ग्यिामती माया मिटिंग मल्तनत की रक्षा के अधीन बनेग प्रश, fern यफ्रीका में यूरोपियनों के प्रागमन से पहले फ मणिन्द रहता है। दक्षिण अफ्रीका का मुख्य पेशा नोनो के लिए यह देश उत्तम है। किसने ही भाग नो अत्यन्त उपजाऊ और मुदा बने हैं। मकई वहाँ बहुत और श्रामानी में पंदा होती। मकई क्षिण अफ्रीका के इणियों के प्रयान भोजन है। स्तिनी ही जगह गेहूँ भी पैदा होता है । फना के विषय में तो दक्षिण अफ्रीका मशहूर है। नेटाल में योमा किस्मों के और बडे दिया । केले, पपीत और अनन्नास पकते हैं और मो भी इतनी तादाद में कि गरीब-स-गरीय आदमी उन्हें खा सकता है। नेटाल तथा दूमरी रियासतों में नारगी, सतरे, 'पोर' और 'प्रिकाट' (अ) की तो इतनी इकरात है कि हजारो आदमियों को वे बिना किसी विशेष कष्ट के देहात में मुफ्त मिल सकते हैं। कंप कालोनी तो अंगूर और बड़े बेर को भूमि है। वहाँ-जैमा अंगूर शायद ही दसरी जगह फज्ञता हो । गौम पर वे वहाँ इतने सस्ते