पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/१७२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

६७

“उत्याग्रह! चनाम 'पैसिव रेकिस्टेन्स

हीं मिलेंगे। रूस के जिस दूखोबोर का उल्लेख ठालस्टाय नेकिया हैचह जरूर इसी प्रकार के पैंसिव रेज़िस्देन्स का अर्थात

पत्याप्रह का उदाहरण दै। ईसा के बाद हजारों इसाइयों ने जुल्म

को वरदाश्द किया उस समय पेंसिव रेज़िस्टेन्स शब्द का प्रयोग तोनहीं होता था पर उनओे जेसे जितने निर्मेज्ञ उदाहरण उपलब्ध हैंउन्हें तो मैंसत्याग्रह ही कहूँगा। पर अगर इन्हें भी पेसिव

रेज़िस्टेन्स के नमूने हीहम सममें तब्र वो पेंसिव रेजिस्टेल्स

ओऔर सत्या्रह के-वीच कोई भेद नहीं । इस प्रकार का द्वेतुतो केवक्ष यह बता देना है कि अग्रेज्ी

मेंसाभान्यतः पेसिव रेजिस्टेन्स शब्द का प्रयोग जिस तरद्द होता

हैउससे सत्याप्रह की कल्पना बिल्कुल भिन्न है।

जिस प्रकार पेंसिव रेजिस्टेन्स केलक्षण दिखाते समय उस

शक्ति का उपयोग करनेवाले किसी भी व्यक्ति केसाथ अन्याय

न द्वोने पावे इस खयाल से मुमे उपयुक्त चेतावनी देनी पड़ी, ठोक उसी प्रकार सत्याग्रह के गुणों कोगिनाते समय मुझे यह भी कह

देना चाहिए कि में यह दावा नहीं करता कि मितमे व्यक्ति

अपने को सत्याप्रद्दी बताते हैंउन्र सबमें उपयुक्त सत्याप्रही केगुण

अवश्य ही हैं।यह बात मेरे खयाल से बाहर नहीं हैकि कितने ही सत्याप्रही सत्याप्रद के उपयुक्त गुणों से विज्ककुज्ञ अपरिचित

हैं।कितने द्वीयह सानते हैं.कि सत्याप्रद कमजोर मनुष्यों का इथियार है| किपने ही मलुष्यों के मुँद्दसे मैंने यह भी सुना है

कि सत्याप्रह शस्रवत्ञ फी पूे तैयारी है। पर मुझे: फिर से यह

कह देना चाहिए कि मैंने यह नहीं बताया कि सत्याप्रह्ियों में

“कौन-कौन से गुण पाये जाते हैं चल्कि यह बतलाने का प्रयत्त

किया हैकि सत्याप्रह की कल्पना में क्या-क्या है,और तदनुसार सत्याप्रह्दियों को केसे होना चाहिए। संक्षेप में कहना चाहूँ तो