पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/१७१

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इसिय प्रश्ीकां का सत्पाग्रह

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सकता है। सत्याप्रह में शल्नवल् के लिए बढ़िया से बढ़िया अवसर प्राप्त होंतो भी वह केवक्ष त्याव्य ही है ।पेसिव रेजिस्टेन्स को कई बार सशस्त्र बलवे की पूर्व तैयारी कहा जाता है। सत्याप्रह का उपयोग कमी इस तरद नहीं किया जा सकता पेसिव रेनिस्टेन्स शस्रवत्ञ केसाथ-साथ चल्ष सकता है। सत्यामद् तो शखबल्ञ का कट्टर विरोधी है,अतएवं इसका उसका कंभी मेल हो नहों सकदा और इससिए साथन्साथ नदी बल सकते। साथ भी दो सकता है सत्याप्रह का उपयोग अपने प्रियजनों के उपयोग सच पूछा जाय न्स का रेमिल्टे पैंसिव पर । और द्वोता है तो प्रियजनों के साथ होही नहीं सकता | अर्थात्‌ उसके साथ

पैसिव रेजिस्टेन्स तभी होसकता हैजब हम उन्हें बैरी समसें पैसिव रेजिस्टेस्स मेंप्रतिपत्ती को दुःख देनेको, उसे सताते को फल्पना हमेशा मौजूदरहती है। और साथ द्वी यह करते हुए हमेंजो फष्ट होउन्हेंसहने को तैयारी होदो है । इसके विपरीत

सत्याप्रह में विरोधी फो दुःख पहुँचाने का खयाल तक न द्वोना चादिए। उसमें तो स्वयं कष्ट उठाकर, दु।ख्न सइकर विरोधी

  • सश करने का खयाल ही रहता है।

इस प्रकार इन दो शक्तियों के बीच जो भेद है वह मैंने

दिखा दिया । मेरे कहने का मतत्ञव यह इर्गिज नहीं कि पेसिव

रेजिस्टेन्स के गुण--अथवा दोष कहिए--मैं गिना चुका वे हर प्रकार के पेसिव रेज़िस्टेल्स में अवश्य द्वी रहते है। पर पैसिव रेजिस्टेन्स के अनेक उदाइरणों में वेबताये जा सकते हैं। पाठकों को मुझेयहाँ पर यह भी कह देना चाहिए कि ईसाई ज्ोग

ईसा को पैसिव रेज़िस्टेन्स का आदि नेता बताते हैं।पर वहाँ तो

पेसिष रेजिस्टेन्स का अर्थ शुद्ध सत्याग्रह हीसमझता चाहिए । इस अथे मेंऐतिहासिक पेसिव रेजिस्टेन्स के बहुत से- उदाहरण