पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/२३१

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दक्षिण अफ्लीका का सत्याग्रह

दूसरे था तीसरे दिन जोहान्सबर्ग का

रा

ससुपरित्वेकेट आया और मुझे जनरत्ञ स्मट्स के पास लेपुलि अं घहुत-सी बातें ६६। उन्होंने मुमयह े भी ा कक केसाथ मैंने चर्चा की न मेरे जेलकहब ापर कौमद्दः रही इसके लिएमुमेउन्होंने मुबारकवाद दिय ा और कद्दा-““आाप गंके विषय मेंमेरा कोई व्यक्तिगत दुर्

नहीं है। भाप जानते ही हैंकि में एक बैरिस्टर हूँ । मेरेभावसाथ कितने ही

भारतीय पढ़ेभी है । मुझे तो यहाँ केवल अपन ा कतव्य करता है। गोरे लोग

इस कानून को चाह

|आप यह भी खोकार फरेंगे उनमें भी अधिकांश बोअर तेनहीहैं ं, ँग्रेज ही हैं। आपने जो सुध ार किया ससे मंसन्‍्जूर करत

त्ष बोथा केसाप भी मेंबातचीत कर घुा हूँभर मेंा आपहूँको।जनरविश ्वास दिलाता

कि यदि आपमें सेअधिकाश लोग परवाने ले लेंगे, तो एशियाटिक

एक्ट को रद कर दूँया।

पूवंक लिये जाने वा परबाने को मन्‍्जूर करनेवाले कानूनस्वेकाच्छामशव िदा तैयार करनेप उसकी एक नकल आपके पास त्ोढ के किए देता कि यह आन्दोलन फिर से जागे । भेजूँगा। मैं नहीं मान फरता हूँ|” इस प्रकार बातचीत होनआपके भावों का मे उठे। मैंनेर--अब मुझे कहाँ जान े पर जनरक् स्त िए! और मेरे साम नये कोदियों का क्या होगा ९” इन्हा चाह ोंने हंसकर कहा-आप “ त्तोइसी छण से सतंत्र हैं।साथियों

ह छोड़ने केलिए टेलीफोन करता हूँ पर आपसे मेरीकोयहकलसलासुब ह हैकि आप लोग

अधिक जुलूस बगैरा न निकालें। अगर प्रदशन करें गे तोसरकार पी स्थिति लरा विचित्र होजायगी। मैंन े कहा ं-/झा प विश्वास रखिए। थों एक भी जुलूस आदि के प्रद र्शन न होन ँगापर सम सौता किसभकार हुआ, बह क्या है,और अब भारे दू तीयों केसिर