पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/२३०

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पहला उमभौता

यह आखिरी मसविदा है। स्वयं मेंते भी इसे पसन्द किया है।

ओर यह तो मैंआपको विश्वास दिखाता हूँकि अगर आप सब

परबाने ले लेंतब तो यह खूनी फानूत रद हुआ ही सममिए।” मैंने कहा सममोता हो या न दो, लेकिन आपकी इस सद्दानुभूति

और इस समभीते की कोशिश के लिए हम आपके सदा के लिए

शअनुपहीत होंगे। मेंएकभी अनावश्यक फेर-फार करनो नहीं चाहता । जिस भाषा से सरकार की प्रतिष्ठा! की रक्ता दोती हो

उसका विषय करण करना

मेंख्वामस्वाह विरोध नहीं करूँगा। पर जहाँ अर्थ के मेंस्वयं सुमे शंका हैपदों दो मुझे अवश्य ही कुछ स्पष्टीकी सूचना करनी चाहिए। और अन्त मेंयदि सममोता ही हैतो दोनों पत्तों कोकुछ परिवर्तन करने का अधिकार

तो जरूर दी होना चाहिए । जनरल “सममदस पिस्तौल दिखाकर

उसके बलपरकोई सममौता दमसे मन्‍्जूर कराने की व्यर्थ की क्रोशिश न करें । खूनी कानून रूपी एक पिस्दौक्न तो पहले ही से हमारे सामने है। अब इस दूसरे पिस्तौत का असर हम पर और क्या दो सकता है ? सि० कार्टराइट इसके उत्तर

मेंकुछ न कह सके | उन्होंनेयह मजूर, किया कि में 'आंपका बताया यह- परिवर्तन जनरक्ष, स्मद्स 'के सामने पेश कर दूँगा। मेंने "अपने साथियों” से |भी मशविरा किया । भाषा तो उन्हे भी पसन्द नहीं आयी। पर यदि उतने परिवर्तन के साथ

जनरक्ष स्मद्स सममौता करतेहों। तो हम भी उसे .मन्जूर कर लें यह“बाव उन्हे पसन्द" थी | बाहर से जोग आयेथे; वे भी

अगुआओं, कांत्यह। सन्देशजाये कि यद्‌ ठचितःसममोदा हो रहा होतो/कर,लेना चाहिए। हमारी सम्मति की राह न देखी जाय ।

इस मसविदे पर मेंनेमि०.कवीन औरथम्बीनायडू के भी दस्तखंत

जेऔर दोों,दस्तख्नत्तोंवाला मसबिदा काटराइट कोसौंप दिया ।[