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दक्षिण अफ्रिका का सत्याग्रह

धर्म, अपनी जाति के सम्मान, और स्वयं मेरे स्वाभिमान की रक्त के लिए यह युद्ध छिंद्ा हुआ है। आपने मुझे केवल विश्वास पर जो मात्र दिया हैउसके लिए मेंआपका जरूर एदसानमन्द हूँ। पर इसलिए में नतो उस कर्ज को और न मेरे व्यापार को ही

सर्वोपरि स्थान देसकता हूँ। आपके पैसे मेरे लिए सोने की मुहर

हैं। अगर मेंजिन्दा रद्द, तोअपने आपको बच कर भी आपके

पैसे लौटा दूँगा |पर मान लीजिए कि भेरा और कुछ दो गया, तो उप्त हालत में आप यह विश्वास रक्ख कि मेरा मात्र और तमाम उधाई आपके हाथों मे ही है ।आज तक आपने मेरा विश्वास

किया है। मेंचाहता हूँ किआगे के लिए भी आप इसी प्रकार मेरा

विश्वास कर ।” यह दल्लील बिलकुत्त ठीक थी। काछलिया की

हृदता को देखते हुए गोरों को उनपर और भी विश्वास होना चाहिए

था। पर बात यह थी कवि इस समय उन लोगों पर इसका कोई असर नहीं हो सकता था। हम सोये हुए आदमी को तो जगा सकते हैं, पर सोने का ढोंग करने वाज्ञे को नहीं | यद्दी हाल उन गोरे व्यापारियों का भी हुआ | वे तो काछुलिया सेठ को दवाना चाहते थे, उनकी लेन-देन थोड़े हो डूबने चली थी।

मेरे दफ्तर मे लेनदारों कीएक मीटिंग हुई।मैंने उन्हें साफ" साफ शब्दों मे कह दिया, कि आप इस समय जो काछछ्षिया सेठ को दवाना चाहते है उप्तमें व्यापार-नीति नहीं, रामनैतिक चाल है। व्यापारियों कोयह काम शोभा नहीं देता। पर वे वो ओर भी चिंद्ृ गये। काछत्षिया सेठ के मात्त और उपाई दोनों कीफेहरिस्त मेरे पास थी। उसे मैंने उन्त व्यापारियों

को दिखाया। यह भी सिद्ध कर दिखाया कि उससे उन्हें अपना पूरा धन मिल सकता है, और. कहा--'इतने पर भी यदि आप इस तमाम व्यापार फो किसी दूसरे आदसी के