११: टॉह्स्टॉय फाम (३ ) इस प्रकरण में टॉल्प्टॉय फार्म की कितनी ही स्पृतियों का
संप्रद्द होगा |इसलिए अवश्य ही वे असम्बद्ध तो मालूम होंगी, पर पाठक इसके लिएं मुझे क्षमा करे ।
शिक्षा के लिए जैसा वर्ग मुझे मिला था शायद ही बसा
(किसी फो मिला हो । सांत सात-पाल के बालक-बालिकाश्ों से
लेकर बीस-बीस वर्ष के युवक्त ओर वारह-वारद तेरहन्तेरद ब्ष की बालिका भी इसमें थीं। कई लड़के तो निरे जंगली थे । खूब ऊधम मचाते | इस संघ को क्या पढ़ाया जाय १ इन सब के स्वभाव के अनु
कूल खुद फो किस त्तरद बनाया जाय ? साथ दही मुझे सब के साथ किस भाषा में वातचीत करनी चाहिए | तामित्न-तेलगू लड़के या तो झपपनी साठभापा सममते या अंगरेजी। वेकुछ-कुछ ठच
भी जानते थे। मुझे तो अंग्रेजी सेदी काम लेना पढ़ा। गुजरा-
तियो के साथ गुजराती मे, और शेप सब के साथ मेंअंग्रेजी “मै बोलता। मैंउन्हें प्रधानवया चटफीली कद्दानियाँ कद्दता, या पद फर सुना देता | उद्देश यही था कि एक साथ रहते हुए उन्हें
मित्र भाव या सेवा के आदशे का भनुगामी बना दिया जाय।