पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/४३८

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इन्सवाल मेंप्रवेश ( चक्) शहर 3. लिखा "मेरे शाथ २००० पुरुषों और १२२ औरते और बच्चों का दल है।मामले की भरगज्ञी तारीख तक मेंउनको भिश्चितस्‍्थान पर पहुंचा कर फिर हाजिर हो सकता हूँ” बगेरा। सरकारी पोल ने जामीन का विरोध फिया | पर मजिष्ट्र८वेचारे लाचोर ये। मुझ पर जो आरोप रक्धा गया था, वह तो ऐसा नहीं था जिसमें जमीन पर छोड़ना भी मजिस्ट्रोट को इच्छा पर छोड़ा

गया हो | इसलिए ४० पोंढ का मुचतका जेकर मुझे छोड़ दिया

गया। मि० क्रेलनबेफ ने मेरे लिए मोटर तो तैयार ही रक्खी थी। उसमें सवार होते ही फौरन उन्‍होंने मुझे अपने शोगों सेलाकर

धोड़दिया। टन्सघाल के समाचार-पत्र काएक प्रतिनिधि भी

हमारे साथ साथ आना चाहता था उसे भी बैठा तिया। इस मोटर

को सफर का, भामते का, भर लोगों के साथ पुनः सम्भीज़न का

घुन्दर वर्णन उसने अकाशित किया था। लोगों नेमेरा बड़ा स्वागत

। उनका उत्साह खूब बढ़ गया। मि० क्ैलनवेक पैसे ही पॉस्सरेस्ट लौट गए। चार््स टाउन में पिछड़े हुए लोगों को तथा

भेषीन था आने वाले को संभालने का काम उनके जिम्मे | हम पुनः आगे बढ़ेपर मुझे छोड़कर सरकार कैसे चेन पा सती थी ?इसलिए दूसरे दिन फिर दूसरी बार उसने सटेंणडरटन

देखा जाय तो यह गाँव में मुझ्षेपकझा | वैसे तुलनात्मक दृष्टि से

शेरा बढ़ा है। बढ़ी विचित्र रीति से मुझे यहाँ पकड़ा गया। मैं

शो को रोटी बांट रहा था। यहां के दृकान-दारों नेहसे सुर्चे डेहिध्ये मेंट मेंदिये थे।इसलिए उसके बांटने के काम मेंध्यादृह समय लग रद्द था। मजिस्ट्रेट मेरे पास भरा कर खड़ा हो गया।

भांटने का काम पूरा द्वोते ही उसने मुझे एक तरफ बुलाया ।में उसे जानता था, इसलिए सोचा कि शायद बढ कोई बाव कहना

भाहता होगा । किस्तु उसने तो हँस कर मुझ से कहा--