पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/४३९

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हध्ष्र

दक्षिण श्रफ्मीफा का सत्याग्रदद

४ आप भरे करी हैं.” ।

मैंने कहा “तत्र तो मेरा दरजा बढ़ गया। पुलित के बदले

अब खर्य मनिम्दू5का गिरफर करने है लिए भाना पड़ा ।पर मुक्त पर मामला तो श्रमो चलाइएगा न ? ?

उसने कद्दा'मेरे साथ ही चल्षिये। अदाज्ञव चलन रहा, है” ज्ोगों से मुसाफरी शुरू रखने का कह कर में रत्राता हुआ्आा। फोर्ट मेंपहुँचा तो वहाँ मेने अपने साथिशंं को भी गिरफ्तार पाया। पी०के० नायडू, विद्वारीलाल महाराज, रामनारयएंतिंद, खुनारसु और रहीमर्खों ऐसे पाँच झादमी ये ।

फौरन मुझे कोर्ट मे खड़ा किया गया। मैंने अपने छूटने

के लिए उन्हीं कारणों को पेश किया जो वाकपरेस्ट में पेश किये थे। यहाँ भोसरकारी बकीत़ञ ने विरोध झिया। और यहाँ भी मजिष्टूटनेछोड़ना मंजूर किया |व्यापारी लोगों ने मेरे लिए इक्का

कैयार ही रखा था। दमारा इत् तोन मोल भी नहीं जा पाया था

कि फिर मेंउनमें जा मित्रा। इम वार तो उन्होंने और मेने भी सोचा था कि अब तो किए टाल्टॉय फाम पर ही पुरः भेद होगी। पर यह धारणा गशत साबित हुई | ज्ञोग मेरी गिरफ्वारों

के आदी हो गये। और यह वात बड़ी महत्वपूर्ण थी। मेरे साथी वो जेल मे ही रहे ।