पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/४५८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

अन्त गा प्ररूम

श्परे

अन्र न्यूकेमल की तरह फिनिक्म भी वायठ्य कोण के दृडता-

जियो का ऐस्द्र हो गया। सैफओों मजदूर वहां '्याने करमे और

सलाद तय शआम्रय भागने लगे। शवश्य हो इससे सरयार का

ध्यान सिनिक्म की तरफ पाऊपिंद हुआ। आस पाप्त रहने वाले गो को प्रांखें भो- क्ात्न होने लगीं। व फिनिक्स पर रहना

भेषघह हो गया |तथापि छड़के बच्चे तक जोखिम भरे काम

'फ़रते रहते | इतने में बेहद गिरफ्तार हुए। सच युद्ध माय तो

'वैसट फो-पयइनेके लिए फोई फारण नहीं था। सोचा यह गया

था फ़ि मि० बेस्ट और मगनलाल गांधी जो गिरफ्तार दोनेके लिए

फोई प्रयत्त नहीं करना चाहिए । इतना दव नहों, बल्कि जहाँ तक

होसर्े, गिरफ्तारी के प्रस्तंगों सेभी दूर रहना चाहिए। इसक्निए पेट ने अउनो ओर से अपने को गिरफ्तार करने के लिए सरकार

फो कोई कारण ही नहीं दिया था। पर सरकार कही सत्याम्रद्षियो की मुत्रिधा अ्रतुषिधा का थोड़े ही ख्याल करती है ! अथवा उसे इन ज्षोगों की गिरस्तार फरते के अस्तगों को हुढ़ता भी तो

नहों पड़ता था | सत्ताधीश जब फिसी काम को करना चाहता है

पद्दीउसके लिए उस काम को करने का! प्रसंग द्ोता है । पेस्ट को गिरपतारी का तार गोलल्लेजी को पहुँचा कि फौरन उन्होंने भारत

से होशियार आदम्रियों को भेजता शुरू कर दिया। सत्ताप्रहियों

फी सहायता के लिए जब त्ादौर मे सभा हुई थी,वंच ऐस्डूयूज से अपने पाम के सभी पैसे दे डाले |तभी से गोखल्ले की नजर में

मैभर गये थे। इसलिए वेश्ट की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही-पौरन दन्‍्होंने सि० एण्ड्यूज को तार द्वारा पूद्दी कि “क्या आप

ईंसी वक्त दि अफ्रिंका जाने के लिए तयार हैं१” एंसड्यूज पियसेन भी कैयार-दो गये और दोनों -पहु्ी स्टीमर सेदक्षिण

नेउत्तर सेलिखदिया “हाँ ? |इसी क्षण उनके परमसीय मित्र