२६५ युद्ध का अन्त कमिशन कीरिपोर्टकेकुछदीसमय बाद उस कानून का मप्तविदया यूनियन गजट मेंप्रकाशित किया गया जिसके झतुघोर मुहहोनेकोथी। इसससविदेकेप्रकाशित होतेदीमुझे केप
दहन जाना पढा । यूनियन घारा-सभा की बैठक वहीं होती थीं-
श्रभी वहींहोती हैं। इस विल्लमेंनो घारायें है। पूंण बिल + मबजीवन !के दोनोंस्तम्मों मेसमासकता है। उसका एक भाग भारतीयों के विदा से सम्बन्ध रखता है। इसके अतुसारं जो देसबविवाहदुक्तिण भाफिका मेंकानूननकरारदेदियेगये भारतवर्ष मेंकानूनन समझे जाते हैं। पर इसके अनुसार किसी ं ही समय कानून नहीं समझी कीभीएक से अधिकपत्नियाएक वह जावेगी |दूसरे भाग के द्वारा तीन पौंड चाल्षा कर रद हो गया
जो छतन््त्र भारतीय की दैसियत से वहां रहने वाले प्रत्येक
५ गिरमिटिया को प्रतिवणे देना पड़ताथा,तीसरे भाग में दक्षिणी / भ्राफिका में रहने बालों को दिये गये प्रमाण-पत्रों का महल
बताया गया है। अधौत् उसमेंयहबताया गया है कि जिनके पास
बहप्रज्नाण-पत्र होउसको दक्तिणी भ्राफिका मेरहने काहक उस,
प्रमाणपत्रकेद्वाराकहाँतक सिद्ध होता है।इस विचार पर