( ७) भारतीयों नेक्या किया ! (२) द्ःप्रकार नेटाल इण्डियन कांग्रेस” को स्थिरता प्राप्त
हुई। मैदे भी नेदाल में लगभग ढाई साज्न राजनैतिक
कैम मेकाम किया और बाद में सोचा कि यदि मुझे दक्षिण
अह्ीका मेंऔर भी रहना आवश्यक हो तो वाल-बच्चों को भी
पहों लेआना चाहिए। हुछसमयके लिए सदेशकादौरा करने की भी इच्छा हुई,यह भो सोचा था कि इस अवसर में भारत के नेताओं को नेटल और दत्तिण अफ्रोका के दूसरे प्रान्यों से चसनेवाले भारतीयों की हाजत का मुख्तसर द्वाल सीसुना दूंगा । काप्रेस ने मुझे छः मद्दीने की छुट्टी दी और
मेरे स्थान पर नेटाल के सुविस्यात स्वर्गीय व्यापारी आदम जी
मियाँ खानको सेक्रेटरी बनाया। मेरी अन्ुपर्थिति मे उन्होंने बडे होशियारी के साथ उस काम को आगे बढ़ाया ।
स्वर्गीय आदम जी मियाँ खान अंग्रेजी अच्छी जानते ये । अपने थोड़े सेकमचलाऊ हान को अनुभव से आपने खूबबढ़ा लिया था! गुजराती का अध्ययन साधारण था । उतका व्यापार