युवतियां उसमें शिक्षा ग्रहण करती हैं। उसमें लगभग ६० अध्यापक शिक्षादान का कार्य करते हैं। देश के समग्र शिक्षालयों की संख्या ५,४५० है। उनमें कोई १३,५०० अध्यापक काम. करते हैं। सब विद्यार्थियों की संख्या ५,३०,००० है। उनमें से २,१५,००० लड़- कियाँ हैं।
सोफ़िया और फिलिपोपोलिस में दो बड़े बड़े पुस्तकालय हैं। उनमें सब प्रकार की उत्तमोत्तम पुस्तकों का संग्रह है । इसके अतिरिक्त देश में कोई एक हज़ार के ऊपर वाचनालय हैं। बड़े बड़े नगरों के मुख्य मुख्य स्थानों में व्याख्यान-भवन भी हैं। उनमें अच्छे अच्छे व्याख्यान-दाताओं के व्याख्यान हुआ करते हैं। सर्व साधारण इन्हें बड़ी श्रद्धा से सुनते हैं।
जैसा ऊपर कहा जा चुका है, भारतवर्ष की तरह बलगारिया भी कृषि प्रधान देश है। वहां के अधिकांश निवासी खेती ही का काम करते हैं। प्रत्येक मनुष्य अपने खेत का कब्जेदार समझा जाता है। वह अपनी खेती को पैदावार का दसवां हिस्सा कर के तौर पर राज्य को देता है। कर न अदा कर सकने की हालत में वह ज़मीन से बे-दखल किया जा सकता है। कृषकों के सुभीते के लिए बलगारिया में कृषि-सम्बन्धी एक बैंक है। देश भर में उसको शाखायें खुली हुई हैं। उनके द्वारा किसानों को कृषि के लिए आसानी से रुपया मिल जाता है। बलगारिया में गेहूं,धान,मक्का, जौ, बाजरा, ज्वार अधिक पैदा होता है। तम्बाकू, चुकन्दर और गुलाब की भी खेती वहां होती है। इन सब चीज़ों का चालान विदेश को होता है । गुलाब के फूलों