बलगारिया ने व्यापार-व्यवसाय,कृषि,शिल्प,उद्योग-धन्धा,शिक्षा आदि की खूब उन्नति की है। राज्य बारह विभागों में विभक्त है। हर विभाग के शासन के लिए एक एक अफसर नियत है। वह मन्त्रिमण्डल की सम्मति से नियुक्त किया जाता है। समग्र देश- शासन के लिए वहां एक सभा है । प्रजा के चुने हुए मुखिये उसके मेम्बर होते हैं। वही कानून बनाते हैं। वही राज्य सञ्चालन की प्रधान व्यवस्था करते हैं। उन्हीं के बनाये हुए नियम और कानून जारी होते हैं। राजकीय प्रबन्ध के लिए आठ मन्त्रियों की एक कौंसिल है। प्रजा के प्रतिनिधियों की सूचना और सम्मति के अनुसार यही कौंसिल राज्य-प्रबन्ध-सम्बन्धी सारा काम करती है।
बलगारिया के अधिकांश निवासी कृषिजीवी हैं। प्रायः सारा कृषि-कार्य कृषक के कुटुम्बियों ही को करना पड़ता है। किन्तु वे लोग शिक्षा का महत्व समझते हैं। इस कारण बड़ी खुशी से वे अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं। सारडोवो और रोस्वाउक नगरों में एक एक कृषि-विद्यालय है। इन विद्यालयों में कृषि-सम्बन्धी हर प्रकार की उपयोगिनी शिक्षा दी जाती है। इसके अतिरिक्त फिलिपोपोलिस नगर में कृषि-विषयक एक बड़ा स्कूल भी है। बलगारिया में पादड़ी लोग और देहाती स्कूलों के अध्यापक भी कृषि की शिक्षा प्राप्त करने के लिए वाध्य किये जाते हैं। फल यह हुआ है कि देश में कृषि बहुत अच्छी दशा में है।
बलगारिया की राजधानी सोफ़िया में एक बड़ा विश्वविद्यालय है। उसमें ऊँचे दर्जे की शिक्षा दी जाती है। १७०० युवक और ३००