सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:दृश्य-दर्शन.djvu/५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

नगरों की सैर जरूर ही करना चाहिए। अपने देश के कितने ही तीर्थ-स्थान और कितने ही ऐतिहासिक स्थल ऐसे हैं जिनका सम्बन्ध अपने धर्म और अपनी पुरानी प्रभुता से बहुत घना है। उनके दर्शन करना और उनके सम्बन्ध की ऐतिहासिक बातें जानना हम लोगों के लिए अन्य अनेक दृष्टियों से तो लाभदायक है ही, पुण्य वर्धक भी है। जो लोग किसी कारण से अपने देश के भी प्रसिद्ध स्थानों की यात्रा करने में समर्थ नहीं उन्हें, यदि वे अपनी भाषा हिन्दी पढ़ सकते हैं तो,ऐसे स्थानों के वर्णन से पूर्ण पुस्तके ही पढ़कर अपनी ज्ञानोन्नति करना अपना कर्तव्य समझना चाहिए।

इसी उद्देश की सिद्धि के लिए अपने देश के कुछ प्रसिद्ध स्थानों, नगरों और राज्यों के सम्बन्ध में लिखे गये लेखों का यह संग्रह प्रकाशित किया जाता है। इन लेखों में से केवल एक लेख का सम्बन्ध अपने देश से नहीं । वह देश है बलगारिया। वह कृषि प्रधान है और कितने ही विषयों में अपने देश,भारत,से विशेष समता रखता है। तत्सम्बन्धी वर्णन से हम बहुत कुछ शिक्षा लाभ भी कर सकते हैं। इसी से उसपर लिखा गया लेख भी इस पुस्तक में सम्मिलित कर दिया गया है। तिबत और नेपाल ये दोनों देश बहुत कुछ भारत ही की सभ्यता और उसी के धर्म से अनुस्पूत हुए हैं। इसीसे उनके सम्बन्ध के भी लेख इसमें रख दिये गये हैं।

दौलतपुर (रायबरेली) महावीरप्रसाद द्विवेदी
१० मई १९२८