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बनारस


घाट

बनारस में सब मिला कर कोई ५० घाट हैं। उनमें से कुछ के नाम ये हैं—असीघाट, शिवालयघाट, केदारघाट, मुंशीघाट, दशाश्वमेधघाट, मानमन्दिरघाट, मणिकर्णिकाघाट, सेन्धिायाघाट, पञ्चगंगाघाट, त्रिलोचनघाट, हनुमानघाट, राजघाट, और वरुणा-संगमघाट।

असीघाट सबसे दक्षिण है। वहां से रामनगरघाट करीब १ मील दक्षिण है। वहीं से रामनगर जाने वाले गंगा पार करते हैं। रामनगर महाराजा बनारस की राजधानी है। यह घाट यद्यपि बहुत प्रसिद्ध है और काशी के पांच प्रसिद्ध घाटोंमें से है तथापि दशा इसकी अच्छी नहीं। यहीं पर असी नाम का नाला गंगा में गिरता है। बरसात को छोड़कर और मौसमों में वह सूखा पड़ा रहता है।

शिवालयघाट बहुत सुन्दर घाट है। उसीके ऊपर चेतसिंह का महल है। महल अभीतक अच्छी हालत में है। वह गवर्नमेंट के कब्ज़े में है। उसकी उत्तर तरफ़ की दीवार में पांच खिड़कियां हैं। उन्हींमें से एक से होकर चेतसिंह हेस्टिंग्ज़ के डरसे, १७८१ ईसवी में, भागे थे। अब लोग इस मकान को "खाली-महल" कहते हैं।

केदारघाट बनारस के मशहूर घाटोंमें से है। वहां बंगाली और तैलंगी लोगों की अधिक भीड़ रहती है। उसी के ऊपर केदारनाथ का प्रसिद्ध मन्दिर है। मन्दिर बड़ा है। घाट के नीचे "गौरीकुण्ड" नाम का एक जलाशय है। उसके जल की बड़ी महिमा है।

मुंशीघाट बनारस के प्रायः सब घाटों से अधिक अच्छा है। वह