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दो बहनें

नहीं बच सका किन्तु दूसरों के लड़के अगर बच जायँ तो जैसे उसकी क्षति-पूर्ति हो जायगी और उनका अपना शोक हल्का हो जायगा। लड़की से बोले, "यहाँ की यूनिवर्सिटी में विज्ञान की पढ़ाई पहले ख़त्म हो जाय, फिर इसके बाद यूरोप में।"

अब से राजाराम के मन में एक बात चक्कर काटने लगी--उसी नीरद की बात। लड़का क्या है सोने का टुकड़ा है। जितना ही देखो उतना ही सुन्दर लगता है। डाक्टरी पास कर ली है सही, किन्तु परीक्षा के दुर्गम बयावान को पार करके डाक्टरी-विद्या के सात समुद्रों में दिनरात तैर रहा है। उम्र कच्ची है, फिर भी आमोद-प्रमोद आदि से उसका मन बिल्कुल चञ्चल नहीं होता। हाल में जितने भी आविष्कार हुए हैं उन्हींकी उलट-पलटकर आलोचना करता है, जाँच करता है और नुक़सान पहुँचाता है अपनी कीर्ति के प्रसार को। जिन लोगों की जम गई है उनके प्रति उसकी अत्यन्त अवज्ञा है। कहा करता है, 'मूर्ख व्यक्ति उन्नति प्राप्त करते हैं और योग्य व्यक्ति गौरव।' यह बात किसी पुस्तक से उसने संग्रह की है।

आख़िरकार एक दिन राजाराम ने ऊर्मि से कहा, "मैंने

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