पृष्ठ:द्विवेदीयुग के साहित्यकारों के कुछ पत्र.djvu/१४५

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१३० . द्विवेदीयुग के साहित्यकारों के कुछ पत्र । "दिल चाहता है फिर वही फुरसत कि रात दिन, बैठे रहें तसव्वरे जाना किए हुवे।" अच्छा अब लिखने की कोशिश करूंगा, (परमात्मा करे लिख सकूँ, कोई और विघ्न न हो जाय) सतसई के कुछ दोहे भी लिखूगा, फुरसत तो मुझे रहती है पर वह पुस्तक देखने भर के लिए काफी होती है, इस शौक ने मुझे किसी और काम का नहीं छोड़ा, फिर मुझे लिखना आता भी तो नहीं। लिखना चाहूँ भी तो कैसे लिखू ? हिम्मत ही नहीं पड़ती कि कलम उठाऊँ। मुझे अपने और मित्रों से भी यह उपालम्भ और भर्त्सना सुनना पड़ता है। कुछ दिनों आपकी सेवा में रहूँ तो शायद कुछ लिखना आ जाय। 'दीवानहाली' के मुकदमे में कविता विषयक जो कुछ है, इस पर मैं मुद्दत से लिखने का विचार कर रहा था, पर न लिख सका, आपने एक बार ही देखकर उसका सार निकाल लिया, “धन्योसि लिताम्बर।" हि०प्र० मा० में 'स्वाधीनता' अभी कबतक और चलेगी? हमें याद है, महारानी लक्ष्मीबाई पर आपने 'सरस्वती' में एक बार लिखा था, उसमें करुणा और वीर रस का अच्छा समावेश था। उसे पढ़कर बेतरह हमारा जी भर आया था, वह दशा अबतक याद है, 'सरस्वती' से ऐसे-ऐसे लेख 'इन्तखा बेमखजन' की तरह पृथक् पुस्तकाकार छप जायं तो क्या ही अच्छा हो! हाली' ने कुछ कविता पर लिखा है, उसके कितने अंश का सारांश आपने हिन्दी में लिखा है ? "कविता के लिए क्या-क्या शर्ते जरूरी हैं" इस कई पृष्ठ के मजमून को आचार्य दण्डी ने काव्यादर्श के एक श्लोक में बयान किया है, वह भेजता हूँ, देखिए क्या अपूर्व सादृश्य है और फिर कितना संक्षेप है, घड़े में समुद्र भर दिया है! कृपया इसे भी पहले ही तरह अपने लेख में स्थान दीजिए। हाली का चित्र, चरित्र, और वह लेख सब एक साथ ही निकालिए। बिना चरित्रके हाली का चित्र नं दीजिए, चाहे वह कुछ देर में निकले, कुछ ऐसी जल्दी नहीं। लीजिए हाली के चरित की सामग्री में आपके लिए प्रस्तुत और सुलभ किए देता हूँ। “मखजन" के सुयोग्य सम्पादक शेख अब्दुलकादर बी०ए० ने अंग्रेजी में एक किताब लिखी है. जिसका नोटिस “मखजन" में "मुसन्नफीन-उर्दू" के नाम से निकलता है, उसमें हाली के अतिरिक्त प्रोफेसर आजाद आदि उर्दू के अन्य चार प्रसिद्ध लेखकों का भी हाल है। उसका मूल्य है, और प्रोफेसर इकबाल की सम्पत्ति शास्त्र संबंधी किताब की कीमत १) है, दोनों के लिए. लाहौर को लिख दिया है, वी० पी० से बहुत जल्द आपके पास पहुंचेंगी। यदि अलीगढ़ से हाली का चित्र मिले तो आप मुझे लिखिए, मैं स्वयं हाली को. इस विषय में लिखूगा, आशा है चित्र मिल जायगा। मुझे अफसोस. है कि मेरे पास हाली की चरित सम्बन्धी कुछ सामग्री नहीं। रीडिल अव द रामायण