पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/१०९

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[४६ पञ्च] को पुस्तक । फर की बेटी आमनाथ जनी। २१। और बिनयमीन के बेटे वालिम और बकर और असमील और जैरा और नमान और अखी और रूस और मपिम और हुफपीम और अरद ॥ २२। इन्हें राखिस यशव व के लिये जनी सब चौदह प्राणी ॥ २३ । और दान का बेटा होशीम ॥ २४ । और नफनाली के बेटे यहसीएल और जनी और यिन और सलीम ॥ २५ । ये बिलह के बेटे हैं जिसे लावन ने अपनी बेटी राखिल को दिया से ये सब सात प्राणी हैं जिन्हें बुह य अकूब के लिये जनी २६ । सेो मारे प्राणी जा यअकूब के साथ मिस्र में आये और उस की कटि से उत्पन्न हुए उन से अधिक जा यअकब के बेटों की स्त्रियां थीं क्यिामठ प्राणी घे ॥ २७। और यूसुफ के बेटे जो मिस्र में उत्पन्न हुए दो थे सो सारे प्राणो जो यत्रकक के घराने के थे और मिस्त में आये सत्तर थे॥ २८। और उस ने यहूदाह को अपने आगे आगे जश्न लो अपनी अगुवाई करने को यमुफ कने भेजा और वे जश्न को भूमि में आये ॥ २६ । और यूसुफ ने अपना रथ सिद्ध किया और अपने पिता इसराएल से भेट करने के लिये जश्न को गया और उस पास पहुंचा और उस के गले पर गिरके अबेर ले रोया किया ॥ ३० । और इमराएल ने यूसुफ से कहा कि अब मैं मरने का सिद्ध है कि में मे तेरा मुंह देखा क्या कि तू अब भी जीता है ॥ ३१ । और यूसुफ ने अपने भाइयों और अपने पिता के 'बराने से कहा कि में संदेश देने को फिरजन पास जाता हूं और उसे कहता हूं कि मेरे भाई और मेरे पिता का घराना जो कनशान देश में थे मेरे पाम आये हैं। ३२ । और वे गडरिये हैं क्योंकि दार चराना उन का उद्दाम है और वे अपनी झुड और ढार और मब कुछ जो उन का है ले आये हैं ॥ ३३। और यो होगा कि जव फिरऊन तुम्हें बुला के तुम्हारा उद्यम पछे॥ ३४ । कहियो कि आप के दाम सड़काई से अव ने चरवाही करते रहे हैं क्या हम और क्या हमारे वाप दादे जिमने तुम लोग जश्न की भूमि में रहे। क्योंकि मिसियों को हर एक गडरिये से घिन है। तो