पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२८

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[१२ पर्छ उत्पत्ति २४। और अरफ़कसद से मिलह उत्पन्न हुआ और सिसह से ब्र॥ २५ । और इब्र से दो बेटे उत्पन्न हुए एक का नाम फलज घा कयोंकि उम के दिनों में एथियी बांटी गई और उम के भाई का नाम युकतान था ।। २६ । और युकनान से अलमूदाद और सलफ और हसार मीत और दूरख ॥ २७॥ और हराम और जजाल और दिकलह ॥ २८ । और जबल और अवीमायल और सिया ॥ २८ । और फीर और हबील: और यूबाब उत्पन्न हुए ये सब युकतान के बेटे थे॥ ३.। और उन के निवास मेमा के मार्ग से जेा परब के पहाड़ मिफार ले था॥ ३१ ॥ सिम के बेटे अपने घरानों और अपनी भाषा के ममान अपने अपने देशो और अपने अपने जातिगणां में ये थे ॥ ३२। नूह के बेटों के धराने उन की पीढ़ी और उन के जातिगणां के समान ये हैं और जलमय के पीछे ष्ट्रथिवी में जातिगण इन्हीं से बांटे गये। ११ गयारहवां पढ़। -पर सारी पृथिवी पर एकही बोली और एकही भाषा थी॥ २॥ और ज्या उन्हों ने पुरव से यात्रा किई तो ऐमा हुआ कि उन्हों ने सिनबार देश में एक चौगान पाया और वहां ठहरे॥ ३। तब उन्हों ने आपुस में कहा कि चलो हम ईटें बना और आग में पकाये से उन के लिय ईट पत्थर की संती और गारा की सती शिलाजतु था । उन्हों ने कहा कि आग्रा हम एक नगर और एक गुम्मट जिसको चाटौ वर्ग तो पहुंचे अपने लिये बनावें और अपना नाम कर न हो कि हम सारी पृथिवी पर छिन्न भिन्न हो जायें॥ ५। तब परमेश्वर उस नगर और उस गुम्मट को जिसे मनुष्य के संतान वनाते थे देखने को उतरा। ६ । तब परमेश्वर ने कहा कि देखा लोग एक ही हैं और उन सब की एक ही बोली है अब घे ऐसा ऐसा कुछ करने लगे से वे जिस पर मन लगावगे उम्मे अलग न किये जायेंगे॥ ७॥ आयो हम उतरें और वहां उन की भाषा को गड़बड़ा। जिसमें एक दूसरे को बोली न ममुझे । ८। तब परमेश्वर ने उन्हें वहां से सारी प्रथिवी पर छिन्न भिन्न किया और वे उस नगर के बनाने से अलग रहे॥ । इस लिये उम का नाम और ४। फिर