पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३११

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पुस्तक । १६ पर्व को ३०३ भरें गिनी जाय गौ॥ २८। दूस भांति से तुम भी उठाने की भट परमेश्वर के लिये अपने सारे दसवें भागों से चढ़ाओ जिन्हें तुम इसराएल कं संतानों से पायोगे और तुम उस में से परमेश्वर को उठाने की भेटें हारून याजक को दीजियो। २८ । अपनी समस्त भेटों में से उस अच्छे से अच्छे अर्थात उस में का पवित्र किया जा भाग परमेश्वर के हिलाने की भेंट चढ़ाइयो। ३० । इस लिये उन्हें कहो की जब नम उन में से अच्छे से अच्छे को उठाओ तब लात्रियों के लिये खलिहान की बढ़ती और कोन्ह की बढ़ती की नाई गिना जायगा ॥ तुम और तुम्हारा वराना हर एक स्थान में खावे क्योंकि यह तुम्हारी उस सेवा का प्रतिफल है जो तुम मंडली के नंबू में करते हो। ३२ । और जब तुम उम में से अच्छे से अच्छा रठाओगे तब तुम उस के कारण पापी न ठहरोगे और इमराएल के संतानों की पवित्र वस्तुन को अशुद्ध न करोगे और नाश न होनोगे। ३९। और १८ उन्नौजवां पई। फर परमेश्वर मुसा और हारून से कहके वाला ॥ हारून से कहके वाला ॥२। यह व्यवस्था कीरीति है ना परमेश्वर ने अाज्ञा कर के कहा कि इसराइल के संतानों से कह कि एक निखाट यौर निर्देष लाल कलोर जिस पर कभी जूना न रवखा गया हो तुम पाम लावें ॥ ३ । और तुम इलिअजर याजक को दो कि उसे छावनी से बाहर ले जाये और उस के आगे बलि किई जाये ४ । और इलिजर याजक अपनी अंगुली पर उम का लोहू ले के मंडली के नंब के अागे सात बार विड़ के ॥ ५। फिर उस के आगे कलोर जलाई जावे उस की खाल और उस का मांस और रम का लोह और उस के गोबर महित सब जलाये जाये । ६। फिर याजक देवदास की लकड़ी और जफा जलती हुई कलोर के ऊपर डाल देवे॥ ७। तब याजक अपने कपड़े घोवे और पानी में स्नान करे उस के पोछे छावनी में प्रवेश करे और याजक मांझ लो अशुद्ध रहेगा। ८। और बुह जो उसे जलाता है अपने कपड़ पानी से धोये और अपना आंग धोये और सांझ लो अपवित्र चौर नाल उस