पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३४२

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२४ । तुम अपने ३३४ गिनती [३२ पर्व उस पार जायो यहाँ लो कि युह अपने वैरियों को अपने आग से दूर करे। ॥ २२। और बुह देश परमेश्वर के आगे वश में होय तो उम के पौछे तुम फिर अायोग और परमेश्वर के चार इसराएल के भाग निर्देष ठहरोगे तब परमेश्वर के आगे तम्हारा अधिकार होगा। २३ । परंत यदि तुम यूं न करोगे तो देखा कि तुग परमेश्वर के भाग पापी हुए और निश्चय जानो कि तुम्हारा पाप तुम्हें पकड़ेगा। बालकों के लिये नगर बनाया और अपनी भेड़ों के लिये भेड़ शाले और जो तुम्हारे मंह से निकला है सो करो॥ २५ । तब जद के संतान और रूबिन के मंतान भूमा से कह के बोले कि जैमी मेरे खामी ने आज्ञा किई है वैताही तेरे सेवक करगे। २६। हमारे बालक हमारी पनियां हमारो झुंड हमारे हार जिलिअद के नगरों में रहेंगे। २७। परंतु जैसा मेरा प्रभु कहता है तेरे सेवक हर एक हथियार बांधे हुए संग्राम के लिय परमेश्वर के आगे पार जायेंगे। २८। तब ममा ने उन के विषय में इलिअजर वाजक्र को और नून के बेटे यहस्य को और इसराएल के संतानों की गोष्ठी के प्रधान के पितरों को कहा ॥ २६ । और मूसा ने उन्ह कहा कि यदि जद के संतान और रूबिन के संतान परमेश्वर के आग तुम्हारे साथ बरट्न के पार हथियार बांध के जाव और लड़ और देश तुम्हारे वश में पाये तो नुम जिखिन्नद का देश उन का अधिकार कर दौजियो। ३० । परंतु यदि वे हथियार बांध के तुम्हारे साथ पार न जायें तो वे एकटे रहके कानवान के देश में अधिकार पावें ॥ ३१ । तब जद के संतान और रूबिन के संतान उनर में बाले कि जैसा परमेश्वर ने तेरे सेवकों को कहा हम वैसा ही करेंगे। ३२। हम हथियार बांध के परमेश्वर के आगे उस पार कनयान के देश को जायेंगे जिमत यरटन के इधर का देश हमारा अधिकार होवे । मसा ने अमूरियों के राजा से हून का राज्य और बसन के राजा ऊज का राज्य घुह देश उन के नगर समेत जा उस सिधाने में है और देश के चारों और के नगरों को जद के संतान और रूबिन के संतान और यसुफ के पुत्र मुनरसी की आधी गोष्ठी को दिया ॥ ३४ । तब जद के मंतान ने देवून और चतरात और अरथायर ॥ ३५ । और अतरात और शूफान २३। वब