पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३७०

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[७ पर्ज नानता वियाद किरिया खाई है तेरे लिये धारण करेगा॥ १३। और वह तुझ प्यार करेगा और तुझे आशीष देगा और तुझे बढ़ावेगा बुह तेरे गर्भ के फल और तेरी भूमि के फल में तेरा अन्न और तेरौ मदिरा और तेरे तेल और तेरे दौर की बढ़ती और तेरी झंड की भेड़ उस द ए में जिम के विषय में उस ने देने को तेरे पितरों से किरिया खाई छाशीष देगा॥ १४। त समस्त लोगों से अधिक आशीष पायेगा और तुम में अथवा तम्हारे टोर में नर अथवा स्त्रो बर्ग बाझम होंगे। १५ । और परमेश्वर तुझ में से समस्त रोग दूर करेगा और मिस्र के सब बुरे रोगों में से जिन्हें तू तुझ पर न लावेगा परंतु उन पर डालेगा जो तुझ से बैर रखते हैं । १६ । और सब लोगों को जिन्हें परमेश्वर तेरा ईशर तुझे सौंप देगा तू खा जायगा तेरौ श्राख उन पर दया न करेगी तू उन के दवों को पजा न करना क्योंकि तेरे लिये फंदा है॥ १७। यदि तू अपने मन में कहे कि ये जातिगण मुझ से अधिक हैं मैं उन्हें क्योंकर निकाल सकंगा॥ १८ । तू उन से मत डरना जो कुछ परमेश्वर तेरे ईश्रर ने फिरजन और समस्त मिस्त्र से किया अच्छो रीति से स्मरण करना । १६। वह बड़ी बड़ी परीक्षा जिन्हें तेरी अांखां ने देखा और बड़े बड़े चिन्ह और आश्चर्य और सामों हाथ और फैलाई हुई भजा जिन से परमेश्वर तेरा ईश्वर तुझे निकाल लाया जिन लोगों से तू डरता है परमेश्वर तेरा ईश्वर उन से वैमाही करेगा। २०। और परमेश्वर तेरा ईश्वर उन पर बर को भेजेगा जब लो वे जो बने हुए यार तुम से छिपते हैं नाश हो जाव ॥ २९ । तु उन से मत डरना क्योंकि परमेार तेरा ईश्वर तुझ में है।ड़ा और भयानक ई म्वर ॥ २२। और परमेश्वर तेरा ईश्वर उन आतिगणों को तेरे धागे घोड़ा घोड़ा करके उखाड़ेगा तू एक बार उन्हें नाश न करना न हो कि बनले पश तझ पर बढ़ जावें ॥ २३ । परंतु परमेश्वर तेरा ईश्वर उन्हें तेरे आगे लौंप देगा और महा नाश से उन्हें नाश करेगा यहां लों कि वे नाश हो जाय। २४ । और बुह उन के राजाओं को तेरे हाथ में सौपेगा और तू उन के नाम को ख के तले से मिटा दगा और कोई मनुष्य तेरे आगे ठहर न सकेगा जब ले तू उन्हें नाश न कर ले। २५ । 'तुम उन की शादी हुई देवता की मूर्निन को