पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३८८

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विवाद १६ सोलहवां पर्व। बिब मास का पालन करियो और परमेश्वर अपने ईश्वर का बीत म जाना मानियो क्योंकि परमेश्वर नेरा ईश्वर अबिब के मास में रात को तुझे मिस्र से निकाल लाया ॥ २ । उस स्थान में जिसे परमेश्वर अपना नाम स्थापन करने के लिये चुनेगा अपने परमेश्वर 'श्वर के लिये तू अपने टोर में से बीत जाना बलि करियो॥ ३। तू उस के साथ खमौरी रोटी मन खाना मात दिन उस के साथ अलमीरी रोटी अर्थात कष्ट को रोटी खाइया क्यांकि तू मिस्र देश से उतावली से निकला जिप्तत तू उम दिन को अपने जीवन भर सारण करे जव तू मिस्र से निकला। चार नरे सारे सिवाने में सात दिन लो खमौरी रोटी दिखाई न देवे और न उस मास में से जिसे दू ने पहिले दिन साभ को बलि किया रान भर बिहान ले बच रहे॥ ५ । तू अपने किसी फाटकों के भीतर जा परमेश्वर तेरा ईश्वर तुझ देता है बोत जाना बलि मत करियो । ६। परंतु उसी स्थान में जिसे परमेश्वर तेरा ईश्वर अपना नाम स्थापन करने के लिये चुनेगा सांझ को सूर्य अस्त होने उसी समय में जब तू मिन से निकला बीत जाना बलि करियो॥ ७। और उस स्थान में जो परमेश्वर तेरा ईम्पर नेगा तू उसे भूनके खाइयो और बिहान को फिर के अपने तंबूद्रों का चले जाइयो । । तः दिन लों अखमोरी रोटी खाइयो यार सात दिन जा तेरे ईश्वर के रोक का दिन है कुछ काम काज न करना । । अपने लिये सात अठवारे गिन और खेती में हंसुश्रा नगाने से गिन्ने का प्रारंभ करियो । १.। और परमेश्वर अपने ईश्वर के लिये अठवारों का पर्व रखि उस में नू अपने ईश्वर के आशीष के समान अपने हाथ के मनमंता दान दौजियो। ११ । और परमेश्वर अपने ईश्वर के आगे तु और तेरा बेटा बेरी और मेरे दाम दासी और लावी जो रे फाटकों के भीतर है और परदेशी और अनाय और विधवा जो तुम्में हैं उस स्थान में श्रानंद करिया जिसे परमेश्वर तेरा ईश्वर सुन लेगा कि अपना नाम वहां स्थापन करे। १२ । और मुधि रखियो कि तू मिस्र में दास था से चौकस रह कि इन विधिन का पालन कर और मान । १३ । जब तू अपने खरिहान