पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४१२

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४०४ विवाद [२८ पचे तुझ पर भेजेगा और वुह नेरे कंधे पर लोहे का जुना डालेगा जब लो तुझे नाश न कर लेवे ॥ ५६ । परमेश्वर दूर से एक जाति को और एथिवी के अंत सिवाने से एक ऐमी जाति जैसा गिह उड़ता है तुझ पर चढ़ा लावेगा एक जाति जिस की भाषा तू न समझेगा ॥ ५ । भयंकर रुप की जाति जो न बूढ़ों को समझेगी न तरुण पर दया करेगी। ५१। और बुह तेरे टोर का फल और तेरे देश का फल खा जायगी जब लो तू नाश न हो जाय जो तेरे लिये अन्न और दाख रस अथवा तेल अथवा तेरी गाय वैन की बढ़ती अथवा भेड़ की मुंड न छोड़ेगी जब लो तुझे नाश न करे॥ ५२। पार वे तुझे तेरे हर एक फाटकों में श्रा धेरगे यहाँ लो कि तेरौ ऊंची और दृढ़ भौतें जिन पर तू ने भरोसा किया था गिर जायेंगी और वे तुझे उस समस्त देश में जो परमेश्वर तेरे ईश्वर ने तुझे दिया है तेरे हर एक फाटकों में आ घेरेंगे ॥ ५३ । मकेती और कष्ट में जा तेरे बैरियों के कारण से तुझ पर पड़ेंगे नू अपने देह का फल और अपने बेटे बेटियों का मांस खायेगा जिन्हें परमेश्वर तेरे ईश्वर ने तुझ दिया है ॥ ५४ । उस जन की प्रांखें जो तुम्में कोमल और अति सुकुार होगा अपने भाई और अपनी गोद की पत्नी और अपने बचे हुए लड़कों से बुरी हो जायेंगी॥ ५५ । यहां लो कि वुह अपने बालक के मांस में से जिसे घुह खायगा उन में से किमी को कुछ न देगा इस कारण कि उम सकेती और क्लेश में जो तेरे वैरियों के कारण से तेरे समस्त फाटकों में तुझ पर होंगे उम के लिये कुछ न बचेगा ॥ ५६ । तुम्मे कोमल और सुनुवार स्त्री जो कोमलता और सुकुबारी के मारे अपने पांओं को भूमि पर न धरती थी अपने गोद के पति और अपने बेटा बेटी की ओर से उस की आंखें बुरी हो जायेंगी। ५७। और अपने नन्हे बालक से जो उस्से उत्पन्न होगा और अपने लड़कों से जिन्हें बुह जनेगी क्योंकि वुह सकेती के कारण से जो तेरे बैरी तेरे फाटकों में तुझ पर लावेंगे छिपके उन्हें खायगी॥ ५८ । यदि तू पालन करके इस व्यवस्था के समस्त बचन पर जो दूम पुस्तक में न चलेगा जिसने न उस के तेज मय और भयंकर नाम से जो परमेम्बर तेरा ईश्वर है न डरे।। ५८ । तब परमेश्वर तेरी मरियों को लिखे है