पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४२८

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यह को पुस्तक । HOWEDER मूना के सेवक के सेवक नून १ पहिला पच। व परमेश्वर का सेवक मसा मर गया तब यो हुआ कि परमेश्वर ने के बेटे यहसूय को कहा॥ २॥ कि मेरा सेवक भूसा मर गया है से अब तू उठ और समस्त लोगों समेत उस देश को जो मैं उन्हें देता हूं अर्थात् दूसराएल के संतानों को लेके यरदन के पार उतर जा॥ ३। जैसा मैं ने मूमा से कहा कि हर एक स्थान जिस पर तेरे पांव का तलवा पड़ेगा मैं ने तुझे दिया है। ।। अरण्य से और इस नुबनान से लेके महानदी अर्थात् फुरात नदी तो हिनिया का सारा देश महा समुद्र ले सूर्य के अस्त होने की घोर तुम्हारा सिवाना होगा। ५ । तेरे जीवन भर काई तेरे धागे ठहर न सकेगा जैसा में मूसा के साथ था तेरे साथ रहंगा मैं तुझ से न हटूंगा न तुझे त्या गा॥ ६ । बलवंत हे। और सुसाहस कर दूम लिये कि यह भूमि जो मैं ने किरिया खाके उन के पितरों को देने कही है तू उसे अधिकार में दिलावेगा। G! केवल तु बनवत और अनि साहसों हो जिसन तु दून व्यवस्था के समान जिस की मेरे सेवक भूसा ने तुझे आना किई है सोच के मान और उस्म दहिने बायें मत मुड़ जिसंत जहां कहीं तू जाय भाग्यमान हाचे । ८। इस व्यवस्था की पुस्तक को चर्चा तेरे मुंह से जाने न पादे