पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४४१

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को पुस्तक । दुष्टना किई। ४३३ १६। तब यहसज विहान को तड़के उठा और इसराएल को उन की गोटियों के समान लाया और यहूदाह की गोष्ठी पकड़ी गई। १७। और यहूदाह के घरानों को ममीप लाया और शारिक का घराना पकड़ा गया और शारिक के घराने के एक एक मन्ष्य को आगे लाया और जबदो पकड़ा गया। १.८। और बुह उस के घराने का ऐक एक जन लाया शारिक का बेटा जबदी का बेटा करमी का बेटा यहूदाह की गोष्ठी का अकन पकड़ा गया ॥ ९६। तब यह ने अकन से कहा कि हे मेरे बेटे अब परमेश्वर दूसराएल के ईश्वर की महिमा कर और उस को मान ले और मुझ से कह कि तू ने क्या किया है मुझ से मत लिपा॥ २० । नव अकन ने यहस्य को उत्तर दिया और कहा कि निशय मैं ने परमेम्बर दूसराएल के ईमार का पाप किया है चार मैं ने ऐमा ऐसा किया है। २१ । जब में ने बबलूनी सुन्दर वस्त्र और दो सौ शेकल चांदी और पचास शेकन्त के तौल की सेाने की गुली लूट के धन में से देखा तो मैं ने लालच किया और उन्हें ले लिया और देख वे मेरे नंबू के बीच भमि में गड़े हैं और चांदी उस के तले॥ २२॥ तब यहस्य ने दूत भेजे और वे नंबू को दौड़े और देखो कि उस के तंबू में गड़ा था और चांदी उस के नले ॥ २३। और वे उन्हें तंव में से निकाल के यहूमूत्र और समस्त दूसराएल के संतान के श्रागे लाये और उन्हें परमेश्वर के आगे डाल दिया। २४। फिर यहसूत्र और सारे दूसराएल ने शारिक के बेटे अकन को और चांदी और वस्त्र और सोने की गुखो और उस के बेटे बेटियां और उस के गोरू और गदहे और भेड़ और उस के नंबू और सब जो उस का था लिया और अकर की नराई में लाये ॥ २५। और यहस्य ने कहा कि तू ने हमें क्या दुःख दिया परमेश्वर अाज तुझे दुःख देगा तब समस्त इसराएल ने उस पर पत्थरबाह किया और उस के पीछे उन्हें भाग से जला दिया॥ २६। और उन्हों ने उत्त पर पन्यरों का ढेर किया जो अाज ला है तब परमेश्वर अपने क्रोध के जलजलाहट से फिर गया इस लिये उस खान का नाम धान लों प्रकर की नराई है। 65 (A. B. 3.)