पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४६६

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४५८ यहसूत्र {१८ पबै ओ १८ उन्नीसवा पर्छ। पर दूसरी चिट्ठी समजन के संतान को गोष्ठी की उन के घरानों के समान निकली और उन का अधिकार यहूदाह के संतान के अधिकार के भीतर था॥ २। और उन के अधिकार में विअरमब और सब और मालदः था और हसरसूबाल और बलह और अज्म । ४। और इल्तवखुद और बाल और हरमः॥ ५। और सिकलज और बैतमरकबान और हसारसूसः ॥ ६। और बैतलिबाबात और सरूहन तेरह नगर उन के गांव समेत ॥ ७॥ बैन रूम्मान और अतर और असम चार नगर उन के गांव समेत ॥ ८। और सारे गांव जो उन नगरों के आस पास थे बलतबिअर दक्षिण का समात समजन के संतान की शोष्ठी का अधिकार उन के घरानों के समान यह है। । यहूदाह के संतान के भाग में से समजन के संतान का भाम था इस लिये कि यहूदाह के संतान के भाग का देश उन के लिये अधिक था इस कारण समजन के संतान ने उन के अधिकार के भे,तर अपना भाग पाया॥ १०। और तोसरी चिट्ठी जबुलून को उन के घरानों के समान निकली सो उन के अधिकार का सिवाना सारोद लो हुआ ॥ ११ ॥ और उन का सिवाना समुद्र की और मरअलः को ओर गया और दवासत लों पहुंचा और युकनियाम के आगे को नदी ले गया॥ १२ ॥ और पूर्व और सलौद से फिरके सूर्य के उदय को चार किसनातनबूर के सिवाने की ओर निकल जाता है और वहां से दाबरत और यफौज पर चढ़ा ॥ १३ । और वहां से जाने जाते पूर्व की ओर जअतहिफर और ऐतकाजीन ले गया और वहां से भूनमधूधारनौअः पास जा निकला। ९४। और उस का सिवाना उत्तर अलंग हनातान को घूम जाता है और उस के निकास इफताहिएल को तराई हैं। १५ । और कत्तत और नहलाल और समरून और इद अलः और बितलहम बारह नगर उन के गांव सहित । १६। ये सब नगर और उन के गांव जबुलून के संतान के घरानों के अधिकार थे।