पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४८१

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भ्याथियों को पुस्तक । १ पहिला पर्व। व यसूत्र के मरने के पीछे यो हुया कि इसराएल के संतानों ने परमेश्वर से यह कहके पूछा कि कनानियों से से युद्ध करने को हमारे कारण पहिले कौन चढ़ जाय॥ २। तय परमेश्वर ने कहा कि यहूदाह चढ़ जाय देखा मैं ने देश को उस के हाथ में कर दिया है। ३। तब यहूदाह ने अपने भाई समान से कहा कि मेरे भाग में मेरे साथ चढ़िये जिसने हम कनानियों से लड़े और इमो रीति से मैं भी तेरे भाग में तेरे साथ चढू गा सेसमकन उस के माथ गया । ४। तब यहदाह चढ़ गये और परमेश्वर ने कनानियों और फरिजियों को उन के हाथ में कर दिया और उन्हों ने उन में से बजक में दम सहस्र पुरुष को पात किया॥ ५। और उन्हों ने अनिवजक को बजक में पाया और उरम लड़े और कनानियों और फरिजियों को मारा॥ ६ । परंतु अनिवजक भाग निकला और उन्हों ने उस का पोका किया और जा पकड़ा और उस के हाथ पांव के अंगूठे काटे । ७ तब अनिवज़क ने कहा कि हाथ पांव के अंगठे काट हुए मनर राजा मेरे मंच तले के चुर चार चुन चुन खाते थे जैसा मैं ने किया था वैसा ही ईश्वर ने मुझे पलटा दिया फिर वे उसे यरूसलम में लाये और युह वहां मर गया । ८। अब यहूदाह के CA. 13. 9.] 60