पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७२८

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७२२ राजावली १७। तब परमेश्वर का बचन तिसबी इलियाह पाम यह कहके अाया॥ १८। कि उठ और जाके दूसराएल के राजा अखिअब से जो समरून में है भेट कर रेख कि वह नबात की दाख की बारी में है जिधर बुह उसे वश में करने को उतरा है। १६ । और तू उसे यह कहना कि परमेश्वर या कहता है किन ने धान किया है और बश में भी किया है तू उसे कह कि परमेश्वर आज्ञा करता है कि जिस स्थान में कुत्ता ने नबात का लेह चाटा उसी स्थान में तेरा भी लोह कुत्ने चाटगे ॥ २० ॥ और अखिअब ने इलियाह को कहा कि हे मेरे बैरी तू ने मुझे पाया है उस ने उत्तर दिया कि मैं ने पाया है क्याकि नू ने परमेश्वर की दृष्टि में बुराई करने के लिये आप को बंच डाला॥ २१॥ देख मैं बुराई ताऊंगा और नेरे वंश को दूर करूंगा और अखिव में से हर एक पुरुष को जो भीत पर मूना है और जा जन दूसराएल में से बंधुत्रा और बचा हुया है उसे भी मैं मिटा डालंगा ॥ खिजाव के कारण जिस्मे तू ने मुझो खिजाया है और इसराएल से पाप करवाया है मैं तेरे घराने केर नबात के बेटे यरुबिधाम के वराने की नाई और अखियाह के बैट वनशा के घराने को नाई करूंगा। परमेश्वर ईज बिल के विषय में भी यह कह के बोला कि यजर अएल के खोई के पास ईजबिल को कुन्ते खायेंगे ॥ २४ । अखिमब का जो जन नगर में मरेगा उसे कुन्ने खायेंगे शौर जो चौगान में मरेगा उसे आकाश के पक्षी खायेंगे॥ २५ । परन्तु अखिअब के समान कोई न था जिस ने परमेश्वर की दृष्टि में दुष्टता के लिये आप को बचा और उस की पत्नी ईबिल ने उसे उभाड़ा॥ २६ । और उस ने अमरियों के समान जिन्हें परमेश्वर ने इसराएलियों के आगे से दूर किया था अति विनित बस्तु न में मूतों का पीछा पकड़ा । २७ । और ऐसा हुआ कि जब अखिअब ने ये बातें सुनौं तो अपने कपड़े फाड़ और अपने शरीर पर टार रहता और ब्रत किया और टाट पहिने हुए हौले हौले चलने लगा। २८। तब परमेश्वर का बचन तिसबी इलिया। पर यह कहके उतरा। २६ । क्या तू देखता है कि अखिन्नब मेरे भागे आप को कैसा दौन करता है इस कारण कि चुछ आप को मेरे श्रागे दौन करता है मैं यह बुराई उस के २३। और