पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७५५

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पुस्तक 1 ८ पर्ज कौ२ ७४ के अपने प्रभ के सेवकों के पास आया और एक ने उसे कहा कि सब कुशल है यह बौडहा तेरे पास किस लिये प्राया तब उस ने उन्हें कहा कि तुम उस पुरुष को और उस के संदेश को जानत हो ॥ १२। वे बोले कि झूठ हमें अब बता तब उम ने कहा कि बुह मुझ यां कह के बाला कि परमेश्वर या कहता कि मैं ने तमें दूसराएल पर राज्याभिषक किया ॥ १३ । तब उन्हों ने फुरती किई और हर एक ने अपना अपना वस्त्र लिया और अपने नौच सीढ़ी पर रकवा और यह कहके नरसिंगा फूंका कि याहू राज्य करता है। १४ । सेो निममी के बेट यहूसफत का बेटा याहू ने यूराम के विरोध में गुष्ट बान्धी [अब अराम के राजा हजाराल के कारण यूराम और सारे इमराएल रामात जिन्ननद की रक्षा करते थे॥ १५ ॥ । परंतु राजा यहूराम ने उन धाओं से जो अरामियों ने उसे मारा था जब दुह अराम के राजा हजाएल से लड़ा था चंगा होने फिर बाया तब याहू ने कहा कि यदि तुम्हारे मन हाव तो नगर से किसी को न निकलने न बचने दे न होवे कि यजरअएल में हमारा समाचार पहुंचावे ॥ १६ ॥ सो याहू रथ पर चढ़ के यजरऐल के। गया क्योंकि यूराम वही था और यहूदाह का राजा अखजयाह यूराम को देखने को उतर आया था । १७। और यजर अऐल को बुर्ज पर एक पहरू था उम ने ज्या याहू की जथा को प्राते देखा ग्यों कहा कि मैं एक जघा को देखता हूं यूराम ने कहा कि एक घोड़चढ़े को लेके उन को भेट के लिये भेज और कि कुशल से उम की भेंट के लिये एक जन घाड़े पर चढ़ के आगे बढ़ा और जाके उस ने कहा कि राजा पूछता है कि कुशल ने कहा कि तुझे कुशल से क्या मेरे पीछ हे। ले फिर पहरू यह कह के बोला कि दूत उन पास पहुंचा परंतु फिर नहीं आता ॥ १६। तब उस ने दूसरे को घोड़े पर भेजा उस ने भी उन पास पहुच के कहा कि राजा पूछता है कि कुशल है और याहू ने उत्तर दिया कि तुझे कुशल से क्या मेरे पीके होले। २.। फिर पहरू यह कह के बाला कि भी उन पास पहुचा और फिर नहीं पाता और हांकना निमसी के बेटे याहू के हांकने के ममान है क्योंकि वह बोड़ाहपन से हांकता है । २१। तब यूराम ने कहा कि जाता से उस का रथ जाता गया तब दूसराएल का राजा है याहू