पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७६३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

१२ पब्बे २ पुस्तक। ७५७ के दारों को न सुधारा॥ ७। तब य श्रास राजा ने यहयदा याजक को अरु और याजकों को बला के उन्हें कहा कि घर के दरारों को क्यों नहीं सुधारते हो से अब अपने अपने जान पहिचानों से रोकड़ मन लेग्रो परंत उसे घर के दरारों के लिये मापो॥ ८। और याजकों ने लोगों मे रोकड़ न लेने का मान लिया कि घर के दरारों को न मुधारें ।। । परत यहयदः याजक ने एक मंजषा लिई और उस के ढपने पर एक छेद किया और उसे बेदी के लग परमेश्वर के मन्दिर में जाने की दाहिनी ओर रकबा और याजक जो देवली की रक्षा करता था सब राकड़ को जो परमेश्वर के मन्दिर में लाये जाते थे रस में रखता था। १०। और ऐसा था कि जब मंजघा में बहुत रोकड़ होता था तो राजा का लेखक और प्रधान याजक आके रोकड़ को थैलियों में बांधते थे और उस रोकड़ को जो परमेश्वर के मन्दिर में पाने धे गिनते थे ॥ ११ ॥ और वे उन गिने हुए रोकड़ को उन के हाथ में देते थ जो काम करते थे जो ईश्वर के मन्दिर पर करोड़े थे और वे वढ़यों को और थवइयों को जो परमेश्वर के मन्दिर का काम बनाने थे। १२। और पत्थरियों को और पन्थर के गढ़वयों को और लट्टे और ढाए हुए पत्थर के लिये उठान करते थे जिमने परमेश्वर के मन्दिर के दरारों को सुधारें और सब के लिये जो घर के मधारने के लिये उठाये जाते थे। १३ । तथापि उस रोकड़ से जो परमेश्वर के मन्दिर में अाता था परमेश्वर के मन्दिर के लिये चांदी के कटोरे और कतरनियां और थालियां और तुरुहियां कोई सोने का पात्र अथवा चांदी का पात्र नहीं बनाया गया ॥ १४ । परंतु बनिहारों को देते थे और उसी परमेश्वर के मन्दिर को सुधारते थे। १५ । और जिनके हाथ रोकड़ को बनिहारों के लिये मापते थे वे उन से लेखा न लेते थे क्योंकि वे मचाई से उठाते थे। १६ । छपराध के रोकड़ और पाप के रोकड़ परमेश्वर के मन्दिर में न लाते थे परंतु बे याजक के थे ॥ १७॥ उमो समय अराम का राजा हजाएल चढ़ गया और जबत से लड़के उसे ले लिया और फिर बरूसलम की ओर फिरा कि उसे भी ले वे ॥ १८। तब यहूदाह के राजा यूास ने समस्त पवित्र किई गई बस्ते जो उम के पितर यहूसफल और यराम और