पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/९३

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की पुस्तक । ८। कहा प] के साथ उस के प्रभु के घर में बंद थे पूछा कि आज तुम क्यों कुरूप हो। वे बोले कि हम ने खत देखा है जिसका अर्थ करवैया नहीं तब यूसुफ ने उन्हें कहा क्या अर्थ करना ईश्वर का कार्य नहीं मुझ से कहो। । तब पियाज के प्रधान ने अपना खन यूसुफ और उसे बोला कि अपने स्वप्न में क्या देखता हूं कि एक लता मेरे आगे है। १०। और उस लता में तीन डालियां थीं उन में कलियां निकली और उम में फूल लगे और उस के गुच्छों में पक्के दाख निकले। ११। और फिरजन का कटोरा मेरे हाथ में था और मैं ने दाखों को लेके फिरजन के कटोरे में निचोड़ा और मैं ने उस कटोरे को फिरजन के हाथ में दिया ॥ १२ । तब यूसुफ ने उसे कहा कि इस का यह अर्थ है कि ये तीन डालियां तीन दिन है ॥ १३ । फिरजन अब से तीन दिन में तेरा सिर उभाड़ेगा और तुझे अपना पद फिर देगा और तू आगे की नाई जब तू फिरजन का पियाऊ था उस के हाथ में फिर कटारा देगा। २४। परन्तु जब तेरा भला होय तो मुझे सारण कौजिया और मुझ पर दयाल हूजियो और फिरजन से मेरी चर्चा करियो और मुझे दूम घर से छुड़वाइयो। १५ । क्योंकि निश्चय मैं इवरानियों के देश से चुराया गया था और यहां भी मैं ने ऐसा कान नहीं किया कि वे मुझे इस बंदीगृह में रकवें ॥ १६ । जब रसे।इयों के प्रधान ने देखा कि अर्थ अच्छा हुआ तो यूसुफ से कहा कि मैं भी खप्न में था और क्या देखता हूं कि मेरे सिर पर तीन श्वेत टोकरियां हैं । १७। और ऊपर कौ टोकरी में फिरजन के लिये समस्त रीति का भाजन था और पंछी मेरे सिर पर उम टोकरी में से खाते थे। १८ । नब यूसुफ ने उत्तर दिया और कहा उस का अर्थ यह है की ये तीन टोकरियां तीन दिन हैं । १६ । फिरजन अब से तीन दिन में तेरा सिर तेरे देह से अलग करेगा और एक पेड़ पर तुझे टांग देगा और पंछी नेरा मांस नोच मोच खायेंगे ॥ २.। और या हुआ कि तीसरे दिन फिरजन के जन्म गांठ का दिन था और उस ने अपने सारे सेवकों का नेता किया और उस ने अपने सेवकों में पियाज के प्रधान और रसोइयों के मधान को उभाड़ा। २२। और उस ने पियाज के प्रधान को पियाज