पृष्ठ:नारी समस्या.djvu/११९

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१०३ सन्तान पर माता का प्रभाव गरीब हैं। हमारे बच्चे महापुरुष और होनहार कैसे हो सकते हैं । जितने महापुरुष, बड़े-बड़े आविष्कारक, वैज्ञानिक शास्त्रकार, कलाकार हो गये हैं उनमें अधिकतर गरीब माँबाप की ही सन्तान थे। उनका बचपन कष्टों में बीता है । वे ही आगे चलकर महापुरुष कहलाये। कितनों ही के निमाण में उनकी माताओं का जबर्दस्त हाथ रहा है महात्मा गांधी ने आत्मकथा में अपनी महानता का मूल कारण अपनी माता का बतलाया है। सुभाषचन्द्र बोस पर माता का प्रभाव है। शिवाजी तो जीजा की ही देन थे । और कुपुत्रों के लिये भी माताएँ ही गालिया खाती हैं "भला जाया निठल्ली ने इससे तो बॉझ ही अच्छी थी।" आप चाहें और प्रयत्न करें तो जो आप को असम्भव लगता है वही सम्भव हो सकता है । लोग अनेक वस्तुएँ बनाया करते हैं उनमें कुछ . अच्छी और कुछ बुरी होती हैं पर विज्ञान के जरिये लोग उत्तम से उत्तम चीजें बना लेते हैं । उसी प्रकार यदि मातायें भी वैज्ञानिक रीति से योग्य संतान उत्पन्न पर विचार करें तो काई कारण नहीं उनकी सन्तान बलवान बुद्धिमान, सदाचारी और यशस्वी न हो ।