हमारा नारी समाज अस्वीकार नहीं कर सकते यदि हमें स्त्रियों को पुरुषों के साथ एक प्लेटफार्म पर लाना है । मशीनें बनाने, उन्हें सम्हालने, वायुयान, मोटर चलाने, तैरने, दौड़ने तथा अन्य शारीरिक कार्य करने, घायलों की मरहमपट्टी करने, शासनसभाओं, रेल, तार, डाक आदि के दफ्तरों के कार्य ऐसे तो नहीं हैं कि वे पुरुषों की नज़र बचाकर घर के भीतर से किये जा सकें। अधिक अंशों में इस प्रकार की घबराहट हमारी मानसिक दुर्बलता और नैतिकता के दुर्बल आदर्शों की ही परिचायक है । और यदि स्त्रियों को सार्वजनिक कार्यों में आगे आना है तो उन्हें सहशिक्षण का भय छोड़ना होगा। इसका कोई अर्थ नहीं कि हम व्यवस्थापिका सभाओं में जायँ और वहाँ पदी डलवाकर बैठे जैसा कि भारत के एक प्रान्त में हुआ था । शिक्षण के क्षेत्र में अभी स्त्री शिक्षिकाओं की बड़ी आवश्यकता है । प्रारम्भिक कक्षाओं में तो यथा सम्भव स्त्रियों का ही शिक्षिका होना चाहिये । आगे भी यदि पर्याप्त संख्या में महिलायें अध्यापिका मिल सकी तो सहशिक्षण की भयंकरता रूढ़िवादियों की भी दृष्टि में कम हो जायगी । परदा- सामाजिक दासता राजनीतिक गुलामी से कम खतरनाक नहीं है । राजनीतिक स्वतन्त्रता मिलने पर भी यदि हम सामाजिक रूढ़ियों से ग्रस्त रहे तो हमारी उन्नति की आशा निराशा में परिणत हो जायगी। ये रूढ़िया आवश्यकता के समय उत्पन्न होती हैं किन्तु आगे चलकर व्यर्थ ही जन साधारण की चिन्तनशक्ति का पंगु बनाये रखती हैं । स्त्रियों में प्रचलित रूढ़ियों में पदी मुख्य है । साधारणतया स्त्रिया इसका प्रयोग जानकर करती हों सेा बात नहीं है । उनसे पूछा जाय तो यही कहेंगी, 'हमारे बड़े बूढ़े ऐसा करते आये हैं । इस बड़े बूढ़ों जैसा करने की प्रवृत्ति ने हम में से साहस, अलग रास्ता निकालने की हिम्मत छीनकर हमें तेली का बैल बना दिया है । परदा बाहर वालों से कम और घर वालों से अधिक किया जाता है। मुसलमान स्त्रियों का पर्दा तो एक सीमा तक समझ में भी आ सकता है जो केवल बाहर वालों से किया जाता है, घर वालों से नहीं। वे सिर से पैर तक लबादे में लिपटी दोनों आँखां तक का जाली से ढंककर चलते-फिरते टैण्ट का दृश्य उपस्थित कर सड़कों पर निकलती हैं । यू० पी०, पंजाब और बिहार में बुरके की जगह चादर लेती हैं । इन प्रान्तों में बाहर जाते समय इक्कों, तागों और बैल- गाड़ियों तक के चारों ओर पदी बाँध दिया जाता है । ओसवालों में तो स्त्रिया अपने से बड़ी स्त्रियों से भी परदा करती हैं। अग्रवाल स्त्रिया स्त्रियों से तो परदा नहीं करतीं पर
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