पृष्ठ:नारी समस्या.djvu/९५

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सामाजिक बन्धन सेवा के कार्यों में भाग लेना साधारणतया लोग अच्छा नहीं मानते । 'गृह-प्रबन्ध, शिशु- पालनादि का उत्तरदायित्व नारी पर है और उसका बाहर क्षेत्र में कार्य करना गृह-सुख का बाधक बन जायगा',-इस दृष्टि से उस प्रश्न पर विचार किया तो गनीमत है किन्तु यहाँ तो सब से बड़ा प्रश्न लाज, परदा और समाज की उँगलियां उठने का है। वास्तव में यही कापुरुषता महिलाओं की प्रगति में सब जगह आड़े आती है ।