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पृष्ठ:निबन्ध-नवनीत.djvu/८५

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राजा प्रजा फोई गरीयों की हाय से नहीं डरता ! चार परस हुए, कुछ बदमाशों ने हमारे भट्टमहोदय पर अपनी बदमाशी दरसाई थी तय सहायता किसी ने न की। श्राज रुपया चूसने को सब तैयार हो गए । इन्साफ यदि कोई वस्तु है तो हम लोगों का रजिस्टर देख लिया जाय । पर कौन सुनता है। हमारी समझ में यह किसी धूर्त कर्मचारी ने किसी गुप्त बैर का बदला लिया है।