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पृष्ठ:नैषध-चरित-चर्चा.djvu/२७

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नैषध-चरित-चर्चा

(हमारा) होता, तो यह पिछला प्रयोग पूर्वोक्त किंवदंती का अंशतः समर्थक हो जाता।

कान्यकुब्ज के राजा श्रीहर्ष के प्रसंग में यहाँ पर हमें बाण- भट्ट की भी कुछ बातें लिखनी पड़ीं। इस कवि के विषय में श्रीयुत पांडुरंग गाविंद शास्त्रो पारखी ने कोई २०० पृष्ठों की एक पुस्तक मराठी में लिखी है। वह बड़ी खोज से लिखी गई है। जिन्हें इस कवि के विषय में विशेष बात जाननी हों, वे इस पुस्तक को देखें।




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