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पृष्ठ:नैषध-चरित-चर्चा.djvu/४६

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(५)
श्रीहर्ष के ग्रंथ

नैषध-चरित के अतिरिक्त श्रीहर्ष ने और जो-जो ग्रंथ बनाए हैं, उनका नाम उन्होंने नैषध के किसी-किसी सर्ग के अंतिम श्लोकों में दिया है । श्रीहर्ष ही के कथनानुसार उनके ९ ग्रंथ हैं; यथा—


१. नैषध-चरित
२. गौडोर्वीशकुलप्रशस्ति
३. अर्णव-वर्णन
४. स्थैर्य विचार


५. विजय-प्रशस्ति
६. खंडनखंड-खाद्य
७.छंदःप्रशस्ति
८. शिवशक्तिसिद्धि

६. नवसाहसांक-चरित

इनमें से नैषध-चरित के विषय में प्रमाण देने की तो कोई आवश्यकता ही नहीं । द्वितीय, तृतीय और नवम ग्रंथ के विषय में नैषध के श्लोक हम पहले उद्धृत कर चुके हैं। शेष पाँच ग्रंथों के परिचायक श्लोकार्द्ध नीचे दिए जाते हैं—

(४) तूर्यः स्थैर्य विचारणप्रकरणभ्रातर्ययं तन्महा-
काव्ये चारुणि नैषधीयचरिते स! निसर्गोज्ज्वलः ।
(५) तस्य श्रीविजयप्रशस्तिरचना तातस्य नव्ये महा-