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अङ्क २]
[दृश्य १
न्याय

फ़ाल्डर

वह मेरे पास से चली गई क्योंकि मुझे दफ़्तर जाना था। लो इस भय से मेरे होश उड़े थे कि कहीं वह फिर उस पर अत्याचार न करे। सोच रहा था क्या करूँ। मैं काम न कर सका। रात दिन इसी तरह बीत गया। किसी काम में जी ही न लगता था। सोचने की शक्ति न थी। चुपचाप बैठा न जाता था। ठीक उसी समय डेविस मेरे पास आया, और चेक देकर बोला, फ़ाल्डर जाओ, ज़रा बैंक से रुपए लेते आओ; शायद हवा में फिर आने से तुम्हें कुछ आराम मिले। मालूम होता है तुम्हारी आधी जान निकल गई है। फिर जब वह चेक मेरे हाथ में आया मैं नहीं जानता मुझे क्या हुआ। न जाने क्योंकर मेरे मन में आया कि अगर टी वाई जोड़कर अंक के आगे एक बिंदी लगा दूँ तो रुथ को वहाँ हटा ले जाने के लिए रुपए हो जायँगे। वह बात मेरे दिमाग़ में आई और चली गई। मुझे फिर कुछ याद नहीं कि डेमिस के जाने के बाद मैंने क्या किया। केवल जब केशियर को मैंने चेक दिया, तो उसने पूछा था कि

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