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अङ्क २]
[दृश्य १
न्याय

एक बजकर १० मिनट पर स्वस्थ था और एक बजकर १५ मिनट पर भी ठीक था वह अपने को इस समय के बीच में केवल अपराध की सजा पाने के डर से पागल कह रहा है। महाशय, यह दलील इतनी लचर है कि मैं ज्यादा बकवाद करके आपका समय नष्ट नहीं करना चाहता। आप स्वयं निश्चय कर सकते हैं कि उसका क्या मूल्य है। मित्र ने यह आधार लेकर जवानी, प्रलोभन, आदि के विषय में बहुत कुछ कहा है और बड़े सुन्दर शब्दों में कहा है। परन्तु मैं केवल इतना ही याद दिलाता हूँ कि मुलज़िम ने जो अपराध किया है क़ानून की दृष्टि से बहुत भारी अपराध है। साथ ही इस मामले में कुछ और भी विचार करने की बात है। जैसे मुलज़िम का अपने साथ के निर्दोषी क्लर्क पर शक करवाने की कोशिश करना, दूसरे की ब्याही हुई औरत के साथ रिश्ता रखना, इत्यादि। इन सब बातों से आपके लिए इस सफ़ाई को अधिक महत्त्व देना कठिन हो जायगा। सारांश यह कि मैं आपसे मुलजिम को दोषी स्वीकार करने की प्रार्थना करता हूँ, जो इन सारी बातों को देखते हुए आपके लिए लाज़िम हो गई है।

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