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अङ्क २]
[दृश्य १
न्याय

[दृष्टि को जज और जूरी की ओर से फेरकर, फ़ाल्डर की ओर घुमाता है, फिर बैठ जाता है।]

जज

[जूरी की ओर कुछ झुककर और हाकिमाना अंदाज़ से]

जूरीगण, आपने गवाहों के बयान और उनपर जिरह सुन ली है। मेरा काम केवल यही है कि मैं आपके सामने वह तनक़ीहें रख दूं जिनपर आपको विचार करना है। यह बात तो स्वीकार करही ली गई है कि चेक और मुसन्ने के अंकों को मुलज़िम ने बदला। अब सफ़ाई यह दी गई है कि मुलज़िम ने जब यह अपराध किया, उस समय वह अपने होश हवास में न था। जहाँ तक पागलपन की बात है आपने मुलज़िम का सारा किस्सा और दूसरे गवाहों के बयान भी सुन लिए। अगर इन बातों से आप इस नतीजे पर पहुँचें कि जाल करते वक्त़ मुलजिम पागल था तो आप यही कह सकते हैं कि मुलज़िम अपराधी है लेकिन वह पागल था। और यदि आपको यह विश्वास हो कि मुलज़िम का दिमाग ठीक था (याद रखिए पूरा पागल होना ज़रूरी है) तो आप उसे अपराधी

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