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अङ्क १़]
[दृश्य १
न्याय

रुथ

वहाँ तो वह था ही नहीं।

कोकसन

[चिन्तित होकर]

क्या तुम्हारा उससे कुछ रिश्ता है?

रुथ

जी नहीं।

कोकसन

[दुविधे में पड़कर]

मेरी समझ में नहीं आता क्या कहूँ? यह कोई दफ़्तर का काम तो है नहीं।

रुथ

लेकिन मैं करूँ तो क्या करूँ?

कोकसन

वाह! यह मैं क्या जानूँ?