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अङ्क १़]
[दृश्य १
न्याय

[स्वीडिल लौट आता है, और इस कमरे से कोकसन की ओर कुतूहल से घूरता हुआ कमरे में चला जाता है। जाते समय दरवाज़े को सावधानी के साथ दो एक इंच खुला छोड़ जाता है।]

कोकसन

[उसकी दृष्टि से होशियार होकर]

ऐसा नहीं हो सकता, आप जानती हैं, ऐसा किसी तरह नहीं हो सकता। मान लो एक मालिक ही आ जायँ तो?

[बाहरी कमरे के बाहरी दरवाजे से रह-रहकर कुंडी का खटकना और हँसना सुनाई देता है।]

स्वीडिल

[दरवाज़े के भीतर सिर डालकर]

यहाँ बाहर कुछ बच्चे खड़े हैं।

रुथ

जी, वे मेरे बच्चे हैं।

स्वीडिल

मैं उन्हें देखता रहूँ?