हुई बात है कि तुमने यह अपराध एक भ्रष्ट संकल्प को पूरा करने के लिए किया। इच्छा होने पर भी मैं दयाप्रार्थना का अनुमोदन नहीं कर सकता, जिसका आधार सदाचार के विरुद्ध है। तुम्हारे वकील ने यह भी कहा है कि तुमको और अधिक क़ैद की सज़ा देना तुम्हारे प्रति अविचार होगा। मैं उनके इस कथन से सहमत नहीं हूँ। क़ानून जो है वहीं रहेगा। क़ानून एक विशाल भवन है जो हम सब की रक्षा करता है, और जिसका हरएक पत्थर दूसरे पत्थर पर अवलम्बित है। मैं केवल इसका व्यवहार करनेवाला हूँ। तुमने जो अपराध किया है वह बड़ा भारी है। इस हालत में कर्तव्य की ओर दृष्टि रख कर मेरे हृदय में तुम्हारे प्रति जो दया की इच्छा है, वह मैं पूरी नहीं कर सकता। तुम्हें तीन साल की सख़्त सज़ा भोगनी पड़ेगी।
[फ़ाल्डर जो अब तक व्यग्रता के साथ जज की वक्तृता को सुन रहा था, अपनी छाती पर सिर झुका लेता है। जैसे ही वार्डर उसे ले जाने लगते हैं रुथ अपनी जगह पर उठ खड़ी होती है। अदालत में गोल माल होने लगता है।]
१४७