अङ्क तीसरा
दृश्य १
जेलखाने में मामूली तरह से सजा हुआ एक कमरा, जिसमें दो बड़ी-बड़ी खिड़कियाँ है। खिड़कियों में छड़ लगी हुई है, जिनमें से क़ैदियों के कसरत करने का आँगन दिलाई दे रहा है। वहाँ कैदी पीले कपड़े पहिने हुए दिखाई देते हैं। उनके कपड़ों पर तीर का निशान लगा हुआ है। सिर पर पीली मुंडी टोपी है। वे सब एक क़तार में चार-चार गज़ के फ़ासले से सफ़ेद और टेढ़ी मेढ़ी लकीरों पर तेज़ी से चलते दिखाई देते हैं जो आँगन के फ़र्श पर बनी हैं। दो सिपाही नीले रंग का कपड़ा पहिने हुए, तलवार लिए बीच में खड़े हैं। उनकी टोपी के सामने थोड़ा सा हिस्सा निकला हुआ है। कमरे की दीवारें रंग से पुती हुई हैं। कमरे में किताब रखने का एक आला है जिसमें सरकारी ढंग की किताबें रक्खी हैं। दोनों खिड़कियों के बीच एक अलमारी है। दीवार पर जेलखाने का एक नक़शा लटक रहा है। एक लिखने की मेज पर सरकारी कागज़ात रखे हैं। यह क्रिसमस की संध्या है। दारोग़ा साफ़ रोबदार आदमी है कतरी हुई छोटी मूंछे हैं।
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