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अङ्क ३]
[दृश्य १
न्याय

कोकसन

[चश्मे के ऊपर से चैपलेन को देखता हुआ]

हाँ, लेकिन मैं विशेष कर वही बात आपसे कहने आया हूँ। यह चिन्ता उसे मारे डालती है।

दारोग़ा

अच्छा!

कोकसन

बात यह है कि उस औरत का पति बड़ा ही बदमाश है और वह उसे छोड़ बैठी है। वह उस युवक के साथ ही भाग जाने का इरादा करती है। यह बात अच्छी नहीं है। लेकिन मैंने इसपर ध्यान नहीं दिया । जब मुक़द्दमा ख़तम हो गया, तो उसने कहा—कि अलग रह कर अपना पेट चलाऊँगी और जब तक वह सज़ा काट कर बाहर न आए, उसके नाम पर बैठी रहूँगी। उसको इस बात से बड़ी भारी शान्ति मिली थी। लेकिन एक महीने बाद वह मुझको मिली मुझसे उससे जान पहिचान नहीं है और बोली—"अपनी बात तो दूर है, मैं अपने बच्चों तकका पालन नहीं कर सकती। मेरे कोई मित्र नहीं है। मैं ज़्यादा किसी

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