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अङ्क ३]
[दृश्य १
न्याय

से मिल जुल भी नहीं सकती। उससे मेरे पति को मेरा पता लग जाने का डर है। मैं बिलकुल दुबली हो गई हूँ।" दर असल वह दुबली हो गई है। "अब शायद मुझे किसी कारख़ाने में जाना पड़ेगा"। यह बड़ी दुःख भरी कहनी है। मैंने कहा "नहीं, कहीं न जाना पड़ेगा। मेरे घर पर मेरी स्त्री है, बच्चे हैं। यदि उन्हें भोजन मिलेगा तो तुमको भी क्यों नहीं मिल सकता?" "दर असल" यह बड़ी नेक औरत है। उसने जवाब दिया "सच? लेकिन मैं आपसे यह नहीं कह सकती इससे तो अच्छा है, कि मैं अपने पति के पास लौट जाऊँ।" यद्यपि मैं जानता हूँ कि उसका पति एक शराबी तथा पशु के समान अत्याचारी आदमी है फिर भी मैंने उसे पति के पास जाने को मना नहीं किया।

चैपलेन

आप कैसे कर सकते थे?

कोकसन

हाँ, लेकिन इसके लिए मुझे दुःख है। युवक को अभी तीन साल सज़ा भुगतनी है। मैं चाहता हूँ वह कुछ आराम से रहे।

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