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अङ्क ३]
[दृश्य २
न्याय

दारोग़ा

[चालचलन की तख़्ती को पढ़कर]

इस पाजी से कुछ कहने को जी नहीं चाहता।

वुडर

हाँ, साहब, मुहब्बती आदमी है।

दारोग़ा

[दालान से निकलने के रास्ते की ओर इशारा करके]

वुडर, जाकर डाक्टर को बुला लाओ।

[वुडर उधर चला जाता है]

[दारोग़ा फ़ाल्डर की कोठरी की ओर जाता है। वह हाथ उठाकर झरोखे के ढकने को खोलना चाहता है कि अचानक ही सिर हिलाकर हाथ नीचा कर लेता है। फिर चालचलन की तख़्ती पढ़कर वह दरवाज़े को खोलता है। फाल्डर जो दरवाज़े के सहारे ही खड़ा हुआ था गिरते गिरते सँभलता है।]

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