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अङ्क ४]
[दृश्य १
न्याय
एक डोली भी लाना।
[विस्टर चला जाता है। रुथ के चहरे पर भय और कातरता का भाव बढ़ता जाता है मानो किसी की बात सुनने की हिम्मत उसमें न हो। फिर धीरे-धीरे उठकर उनकी ओर बढ़ती है।]
वाल्टर
[अचानक उसकी ओर देखकर]
हटो।
[तीनों आदमी रास्ता छोड़कर पीछे हटते हैं। रुथ घुटनों के बल देह के पास गिर पड़ती है।]
रुथ
[धीमी आवाज़ से]
यह क्या? इसकी साँस बन्द हो रही है।
[लाश से लिपटकर]
मेरे प्रियतम! मेरे सुहाग!
[बाहर के कमरे के दरवाज़े पर लोग खड़े नज़र आते हैं।]
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